मिर्ज़ापुर - बेटियां माता पिता के लिए बोझ नहीं वरदान है ये साबित किया है मिर्ज़ापूरा में रहने वाली वीणा ने । वीणा ने अपने पिता को लीवर डोनेट कर उनकी जान बचाइ।
वीणा के पिता रवि प्रकाश त्रिपाठी हालत दिनोदिन बिगड़ती चली जा रही थी। डॉक्टर्स ने उनकी बीमारी का इलाज लिए लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। रवि प्रकाश ने परिवार के सदस्यों से बात की कोई भी लीवर डोनेट करने आगे नहीं आया , यहाँ तक के उनका बेटा भी नहीं।
जैसे ही वीणा को पता लगा उसने बिना कुछ सोचे अपने ससुराल वालो लीवर डोनेट करने की अनुमति ली। मौत मुँह पर खड़े अपने पिता को बचाने के लिए अपनी दो छोटी बेटियों की चिंता छोड मुस्कुराते हुए ऑपरेशन थिएटर में चली गयी।
वीणा के पिता रवि प्रकाश त्रिपाठी हालत दिनोदिन बिगड़ती चली जा रही थी। डॉक्टर्स ने उनकी बीमारी का इलाज लिए लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। रवि प्रकाश ने परिवार के सदस्यों से बात की कोई भी लीवर डोनेट करने आगे नहीं आया , यहाँ तक के उनका बेटा भी नहीं।
बेटे सहित परिवार के कई लोगो की लीवर देने इनकार
जैसे ही वीणा को पता लगा उसने बिना कुछ सोचे अपने ससुराल वालो लीवर डोनेट करने की अनुमति ली। मौत मुँह पर खड़े अपने पिता को बचाने के लिए अपनी दो छोटी बेटियों की चिंता छोड मुस्कुराते हुए ऑपरेशन थिएटर में चली गयी।
25 वर्षीया वीणा खुद दो बेटियों की माँ हैवीणा का साहसी कदम सफल रहा डॉक्टर का ऑपरेशन सफल रहा फ़िलहाल पिता और पुत्री हॉस्पिटल में है। आज वीणा की हर जगह चर्चा हो रही है, किस प्रकार एक बेटी ने अपने पिता के प्राणो की रक्षा की।
बेटियों को गर्व है वीणा पर
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