साक्षी मलिक भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक के इतिहास रचने के पीछे उनके पिता सुखवीर सिंह उनकी मां का बड़ा योगदान मानते हैं और बताते हैं कि उन्होंने कुश्ती लड़ने की प्रेरणा अपने दादा से ली, जो अपने समय में पहलवान थे. रियो में भारत को पहला पदक के तौर पर कांस्य दिलाने वाली साक्षी के पिता दिल्ली में बस कंडक्टर हैं और उन्होंने कुश्ती कभी नहीं लड़ी.
मिर्ज़ापुर - बेटियां माता पिता के लिए बोझ नहीं वरदान है ये साबित किया है मिर्ज़ापूरा में रहने वाली वीणा ने । वीणा ने अपने पिता को लीवर डोनेट कर उनकी जान बचाइ। वीणा के पिता रवि प्रकाश त्रिपाठी हालत दिनोदिन बिगड़ती चली जा रही थी। डॉक्टर्स ने उनकी बीमारी का इलाज लिए लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। रवि प्रकाश ने परिवार के सदस्यों से बात की कोई भी लीवर डोनेट करने आगे नहीं आया , यहाँ तक के उनका बेटा भी नहीं। बेटे सहित परिवार के कई लोगो की लीवर देने इनकार जैसे ही वीणा को पता लगा उसने बिना कुछ सोचे अपने ससुराल वालो लीवर डोनेट करने की अनुमति ली। मौत मुँह पर खड़े अपने पिता को बचाने के लिए अपनी दो छोटी बेटियों की चिंता छोड मुस्कुराते हुए ऑपरेशन थिएटर में चली गयी। 25 वर्षीया वीणा खुद दो बेटियों की माँ है वीणा का साहसी कदम सफल रहा डॉक्टर का ऑपरेशन सफल रहा फ़िलहाल पिता और पुत्री हॉस्पिटल में है। आज वीणा की हर जगह चर्चा हो रही है, किस प्रकार एक बेटी ने अपने पिता के प्राणो की रक्षा की। बेटियों को गर्व है वीणा पर
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