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राजस्थान का एक ऐसा गाँव जहाँ नहीं है एक भी चाय और शराब की दूकान, अगर कोई बेचते मिलता है तो लगता है जुर्माना

500 घरों की बस्ती वाला मायापुर गांव, यहां चाय की दुकान खोलने पर जुर्माने का प्रावधान है। राजस्थान का एक ऐसा गाँव जहाँ नहीं है एक भी चाय और शराब की दूकान __ अगर कोई बेचते मिलता है तो लगता है जुर्माना __ पढ़े पूरी खबर _ . राजस्थान के अजमेर से 18 किमी दूर पीसांगन पंचायत समिति का मायापुर गांव। 500 घरों की बस्ती में करीब 5 हजार लोगों की आबादी है। गांव के 400 सालों के इतिहास में अब तक यहां चाय की एक भी दुकान नहीं खुली। बुजुर्ग ग्रामीणों का तर्क है कि चाय की दुकान पर युवा गपशप लगाकर अपना कीमती समय व्यर्थ गंवाते हैं, इससे बेरोजगारी भी बढ़ती है। साथ ही चाय से शरीर में तरह -तरह के नुकसान भी होते हैं। - गांव में चाय बेचने पर 501 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। किसी गांव में चाय की दुकान नहीं होने वाला संभवत: यह राज्य का ही नहीं, बल्कि देश का एकमात्र गांव है। - इसके साथ ही इस गांव में शराब के ठेके भी नहीं हैं। यहां तक कि बाहर से शराब पीकर आने वालों से 5001 रुपए जुर्माना वसूला जाता है। - मायापुर गांव रतना बाणोत ने बसाया था। बताते हैं कि इनके छह पुत्र थे आैर गांव में छह ही गुवाडिया थ...

देखिये फोटो में : पूरा सिरोही उमड़ पड़ा, शहीद को अंतिम विदाई देने।

नागानी 13.09.2016 सिरोही के नागानी के रविवार को कश्मीर में आतंकवादियो के साथ लड़ते हुए शहीद वीर रमेश चौधरी के अंतिम विदाई। ..

घाणेराव कस्बे मे देव झुलनी इगरियास को राम रेवाड़ी को देखने पहुचा आस्था का जन सैलाब।

घाणेराव कस्बे मे देव झुलनी इगरियास को राम रेवाड़ी को देखने पहुचा आस्था का जन सैलाब।

रातों रात किसान का कुआँ हुआ धराशाई, कुदरत की दोहरी मार

कल तक सब कुछ बढीया था. एक साधारण परिवार खेतीवाडी वाला किसान  नुरमोहमद पुत्र मेहराबखाॅ (बाबू भाई ) मकराणी मुस्लिम निवासी गाॅथी तहसील देसुरी जिसका कुआ रातों रात जमीन के अंदरधस गया जल की जगह थल हो गया इसी कुएँ पर एक बड़ा पिपल का पेड़ भी गायब हो गया वो भी कुएँ मे समा गया खेती के दौरान सिंचाई कराने एकमात्र  साधन था वो भी   कुदरत  ने   छीन  लिया ।पहले  अतिव्रष्टि ने फसल नष्ट कर के रूलाया और अब यह एक नई मुश्किल खडी हो गई  ।                         सरकार से किसी प्रकार की कोई सहायता योजना से किसान परिवार को कोई लाभ मिले कुएँ नवीनीकरण का तो लाभान्वित परिवार का भला हो सकता हैं                         लक्ष्मणसिंह राजपुरोहित ( गाथी ) की रिपोर्ट 

घाणेराव शहीद हसन वली बाबा के दरवाजे के पास तिन ट्रक फस जाने से रास्ता हुआ जाम ।

घाणेराव शहीद हसन वली बाबा के दरवाजे के पास तिन ट्रक फस जाने से रास्ता हुआ जाम । देखिये फोटो में अभी तक के सुचना मिले के आधार पर... न्यूज़ रिपोर्ट 

कलियुग का हुनमान ...

कलियुग का हुनमान । मेरठ में हुई एक युवक की मौत का गम बांटने पहुँचे बंदर की उपस्थिति वहाँ सभी को हैरान कर गयी। मृतक के साथ उस बंदर ने ऐसा व्यवहार किया कि मानों वह मृतक का बहुत करीबी रहा हो। बंदर के हाव- भाव, प्रतिक्रिया और हरकतें बिल्कुल इंसानों जैसी थी। एनएएस कालेज में वरिष्ठ लिपिक सुरेंद्र सिंह 86/3 शास्त्री नगर में रहते हैं। सुरेंद्र सिंह का बड़ा बेटा सुनील तोमर (31) तीस हजारी कोर्ट दिल्ली में वकील था। कैंसर की बीमारी से सुनील की शुक्रवार रात दिल्ली में मृत्यु हो गई। परिजन शनिवार सुबह करीब साढ़े चार बजे उसका शव लेकर घर पहुंचे। घर पहुंचने के बाद जब परिजन और आसपास के लोग गमगीन माहौल में अंतिम यात्रा की तैयारी में जुटे थे। तभी करीब पांच बजे एक बंदर भीड़ के बीच से होकर शव के पास जा बैठा। बंदर ने पहले सुनील के पैरों को छुआ और फिर उसके सिर के पास जाकर बैठ गया। जब शव को स्नान कराया गया तो इस बंदर ने भी एक व्यक्ति के हाथ से लोटा लेकर पानी शव के ऊपर डाला। ---शवयात्रा में भी हुआ शामिल... शवयात्रा में शामिल होते हुए बंदर सूरजकुंड स्थित शमशान घाट तक जा पहुंचा। उसने चिता पर लकड़...

शिक्षक हो तो ऎसे , छात्रों ने दी आसुंओं से विदाई

शिक्षक के विदाई समारोह में उमड़ पड़ा गांव रो पड़े स्कूल के बच्चे  शिक्षा में अवनीश यादव ने बदल दी थी गांव में शिक्षा की सूरत  देवरिया । गाजीपुर जिले के बभनोली निवासी अवनीश यादव की तैनाती 2009 में गौरी बाजार के  प्राथमिक विद्यालय पिपराधन्नी गांव में हुई इस गांव में अवनीश ने घर घर जाकर सम्पर्क किया  गरीब मजदूर की सख्या काफी है स्कूल नही आते घर घर जाकर सम्पर्क करना शुरू किया और  पढ़ाई के गुण बताने लगे खेल खुद से बच्चों  को जागरूक करने लगे यहाँ शिक्षा की यह अलख पुरे गांव में जगने लगी गांव के लोग अवनीश को  अपने बेटे की तरह मानने लगे उन्होंने कई पुरस्कार पाये उनका सरकारी स्कूल किसी बड़े कान्वेंट को फेल कर दिया थी की अचानक उनका तबादला गाजीपुर हो गया  गांव वालो ने उनका विदाई की पूरा गांव भावुक हो गये स्कूल के बच्चे रोने लगे अवनीश भी खूब रोये  क्या बूढ़े क्या जवान क्या बच्चे  हर लोगो की दशा एक तरह थी  हर  शख्स यही कह रहा था शिक्षक हो तो ऐसा ।। सोर्स :  फेसबुक पेज